मन्त्रः
“ॐ नमो भैरूनाथ, काली का पुत्र हाजिर होके, तुम मेरा कारज करो तुरत । कमर विराज मस्तंग लंगोट, घूघर माल । हाथ बिराज डमरू खप्पर त्रिशूल । मस्तक विराज तिलक सिंदूर । शीश विराज जटाजूट, गल विराज नादे जनेऊ । ॐ नमो भैरूनाथ काली का पुत्र ! हाजिर होके तुम मेरा कारज करो तुरत । नित उठ करो आदेश-आदेश ॥”
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