Tuesday, December 14, 2021

Shri Bhairav ji Vashikaran Shabar Mantra 4

 


मन्त्रः “ॐ गुरु, ॐ गुरु, ॐ गुरु, ॐकार, ॐ गुरु भूमसान, ॐ गुरु सत्य गुरु । सत्य नाम काल भैरव । कामरू जटा चार पहर खोले चौपटा । बैठे नगर में । सुमरों तोय । दृष्टि बांध दे सबकी । मोय हनुमान बसे हथेली । भैरव बसे कपाल । नरसिंह जी को मोहिनी, मोहे सकल संसार । भूत मोहूं, प्रेत मोहूं, जिन्द मोहूं, मसान मोहूं । घर का मोहूं, बाहर का मोहूं । बम रक्कस मोहूं, कोढ़ा मोहूं, अघोरी मोहूं, दूती मोहूं, दुमनी मोहूं, नगर मोहूं, घेरा मोहूं, जादू-टोना मोहूं, डंकनी मोहूं, संकनी मोहूं, रात का बटोही मोहूं, बाट का बटोही मोहूं, पनघट की पनिहारी मोहूं, इंद्र का इंद्रासन मोहूं, गद्दी बैठा राजा मोहूं, गद्दी बैठा बणिया मोहूं, आसन बैठा योगी मोहूं । और को देख जले भुने । मोय देख के पायन परे । जो कोई काटे मेरा वाचा, अंधा कर, लूला कर, सिड़ी वोरा कर, अग्नि में जलाय दे । धरी को बताए दे, गढ़ी को बताय दे, हाथ को बताए दे, गांव को बताए दे, खोए को मिलाए दे, रूठे को मनाए दे, दुष्ट को सताए दे, मित्रों को बढ़ाए दे । वाचा छोड़ कुवाचा चले, तो माता क चौखा दूध हराम करे । हनुमान आण । गुरुन को प्रणाम । ब्रह्मा, विष्णु साख भरे, उनको भी सलाम । लोना चामरी की आण, माता गौरा पार्वती महादेव जी की आण । गुरु गोरखनाथ की आण, सीता रामचंद्र की आण मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति। गुरु के वचन से चले, तो मन्त्र ईश्वरो वाचा ॥




No comments:

Post a Comment

kaal bhairav bhoot bhagane ka mantra 2

  मन्त्रः— “ॐ ह्रीं भैरव – भैरव भयकर-हर मां, रक्ष-रक्ष हुँ फट् स्वाहा ॥”